गूगल के नए 'आयरनवुड' चिप के बारे में 5 चौंकाने वाली बातें जो AI का भविष्य बदल सकती हैं परिचय आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) का दौर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, और इस दौड़ में NVIDIA जैसी कंपनियों के ग्राफ़िक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs) की मांग आसमान छू रही है। लेकिन पर्दे के पीछे एक बड़ा बदलाव हो रहा है। गूगल ने अपनी सातवीं पीढ़ी का कस्टम-बिल्ट AI चिप , जिसे "आयरनवुड" (Ironwood) नाम दिया गया है, पेश किया है। यह कहानी सिर्फ़ रफ़्तार बढ़ाने से कहीं ज़्यादा है—यह इस बात के बारे में है कि भविष्य में AI की दिशा और नियंत्रण किसके हाथों में होगा। 1. यह सिर्फ़ रफ़्तार के बारे में नहीं है, यह एकाधिकार को चुनौती देने के बारे में है आयरनवुड का प्रदर्शन सिर्फ़ प्रभावशाली ही नहीं, बल्कि यह AI हार्डवेयर के शक्ति संतुलन को बदलने की क्षमता रखता है। यह गूगल के पिछले TPU v5p की तुलना में 10 गुना ज़्यादा पीक परफ़ॉर्मेंस देता है। लेकिन असली बड़ी ख़बर यह है कि यह NVIDIA के बाज़ार पर सीधी चुनौती है, जिसका AI चिप बाज़ार में लगभग 80% हिस्सा है। इस बदलाव का सबसे बड़ा संकेत AI स्टार्टअप एंथ्रोपिक ...
AI की तूफानी रफ़्तार बनाम अर्थव्यवस्था की सदियों पुरानी दीवार: क्या हम इतिहास की सबसे बड़ी 'गति सीमा' तोड़ने वाले हैं? आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब केवल एक भविष्य की अवधारणा नहीं है; यह हमारे कोड को लिखने, हमारी मनोरंजन सूचियों को तैयार करने और हमारे दैनिक जीवन के ताने-बाने में खुद को बुनने में मदद कर रहा है। लेकिन क्या होगा यदि AI का यह सुधार केवल वृद्धिशील न हो, बल्कि इतना विस्फोटक हो कि यह हमारी अर्थव्यवस्था के मूलभूत नियमों को ही चुनौती दे दे? AI एक ऐसी unstoppable force (unstoppable शक्ति) की तरह विकसित हो रहा है जो ऐतिहासिक मिसालों को धता बताती है, जो एक आर्थिक क्रांति का संकेत देती है। फिर भी, गहरे आर्थिक सिद्धांत और वास्तविक दुनिया की जटिलताएँ एक immovable object (अचल वस्तु) के रूप में खड़ी हैं। यह लेख इसी संघर्ष की पड़ताल करता है, जो बोअज़ बराक के मौलिक विश्लेषण से निकले पाँच प्रमुख निष्कर्षों पर आधारित है, ताकि यह समझा जा सके कि क्या हम वास्तव में 150 साल पुरानी आर्थिक "गति सीमा" को तोड़ने की कगार पर हैं। पहली शक्ति: AI की घातीय वृद्धि एक क्रांति है AI क...