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कीबोर्ड को भूल जाइए, अब इमोजी और स्केच से कमांड लेगा AI! मिलिए Google DeepMind के SIMA 2 से

  कीबोर्ड को भूल जाइए, अब इमोजी और स्केच से कमांड लेगा AI! मिलिए Google DeepMind के SIMA 2 से कीबोर्ड से परे: एक परिचय हम सभी जानते हैं कि लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) जैसे AI टेक्स्ट और भाषा के महारथी हैं। वे कविता लिख सकते हैं, कोड बना सकते हैं और आपके सवालों के जवाब दे सकते हैं। लेकिन जब उन्हें वीडियो गेम जैसी गतिशील, 3D दुनिया में काम करने के लिए कहा जाता है, तो वे अक्सर अनाड़ी साबित होते हैं। वे भाषा को समझ सकते हैं, लेकिन उस समझ को देखकर और उस पर अमल करके दुनिया से जुड़ना उनके लिए एक बड़ी चुनौती रही है। यहीं पर Google DeepMind का SIMA 2 एक बड़ी छलांग लगाता है। SIMA (स्केलेबल, इंस्ट्रक्टेबल, मल्टीवर्ल्ड एजेंट) सिर्फ़ एक और गेम खेलने वाला बॉट नहीं है। यह एक ऐसा AI है जो वर्चुअल दुनिया को हमारी तरह समझता है, उसमें तर्क करता है, योजना बनाता है और सीखता है। यह सिर्फ़ कमांड का पालन नहीं करता; यह इरादों को समझता है। यह लेख SIMA 2 के बारे में सबसे आश्चर्यजनक और प्रभावशाली बातों को सरल भाषा में समझाएगा। हम जानेंगे कि यह AI इतना अलग क्यों है और यह भविष्य के लिए क्या मायने रखता है। 1....

प्रोटोटाइप से प्रोडक्शन तक: एआई एजेंट्स की वो 4 सच्चाईयाँ जो कोई नहीं बताता

प्रोटोटाइप से प्रोडक्शन तक: एआई एजेंट्स की वो 4 सच्चाईयाँ जो कोई नहीं बताता 1. परिचय एआई एजेंट बनाना अब मिनटों का खेल है। कुछ ही लाइन्स के कोड से एक ऐसा प्रोटोटाइप तैयार हो जाता है जो शानदार डेमो देता है। लेकिन इस उत्साह के बीच एक बड़ी और अक्सर नज़रअंदाज़ की जाने वाली खाई है—जिसे हम "लास्ट माइल प्रोडक्शन गैप" कहते हैं। असली चुनौती एक आकर्षक डेमो बनाने में नहीं, बल्कि उसे एक ऐसे भरोसेमंद और मज़बूत प्रोडक्शन सिस्टम में बदलने में है जिस पर आपका बिज़नेस निर्भर कर सके। यहाँ बताई गई चार सच्चाईयाँ सिर्फ तथ्य नहीं हैं, बल्कि एक नए और आवश्यक अनुशासन, 'एजेंटऑप्स' (AgentOps) के मूलभूत सिद्धांत हैं। एक एजेंट बनाना आसान है। उस पर भरोसा करना मुश्किल है। 2. एआई एजेंट्स की 4 चौंकाने वाली सच्चाईयाँ 2.1. पहला सच: 80% काम 'स्मार्टनेस' का नहीं, बल्कि 'पाइपलाइन' का है एजेंट डेवलपमेंट का 80/20 नियम शायद आपको हैरान कर दे। लगभग 80% मेहनत एजेंट के कोर लॉजिक या प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग पर नहीं, बल्कि उस बुनियादी ढांचे, सुरक्षा और वैलिडेशन पर खर्च होती है जो उसे भरोसेमंद और सुरक्षित बना...