गूगल का 'एंटी-ग्रेविटी' प्रोजेक्ट: सच्चाई जो आपको चौंका देगी परिचय: जब विज्ञान-कथा का सपना AI के एक नए युग से मिलता है एंटी-ग्रेविटी टेक्नोलॉजी और उड़ने वाली कारों का सपना दशकों से विज्ञान-कथाओं और हमारी कल्पनाओं का हिस्सा रहा है। लेकिन क्या हो अगर हम आपको बताएं कि गूगल का एक असल प्रोडक्ट है जिसका नाम 'गूगल एंटीग्रेविटी' है? यह किसी क्रांतिकारी भौतिकी आविष्कार जैसा लगता है, लेकिन सच्चाई इससे कहीं ज़्यादा दिलचस्प और अप्रत्याशित है। यह कोई स्पेसशिप या लेविटेशन डिवाइस नहीं है। वास्तव में, यह एक ऐसे भविष्य की शुरुआत है जिसका हम सब इंतज़ार कर रहे थे। पिछले कुछ वर्षों में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 'सोचने के युग' (Era of Thinking) में था, जहाँ मॉडल तर्क और योजना बना सकते थे। गूगल एंटीग्रेविटी, जो जेमिनी 3 की शक्ति से लैस है, AI को 'एक्शन के युग' (Era of Action) में ले जाता है—एक ऐसा युग जहाँ AI सिर्फ सोचता नहीं, बल्कि स्वायत्त रूप से काम करता है। आइए, इस रहस्य से पर्दा उठाते हैं और उस सच्चाई को जानते हैं जो सॉफ्टवेयर बनाने के तरीके को हमेशा के लिए बदलने वाली है। ...
एआई कोडिंग के 5 चौंकाने वाले सच जो कोई आपको नहीं बताएगा परिचय एआई कोडिंग सहायकों (जैसे Cursor , GitHub Copilot ) के चारों ओर उत्साह का माहौल है। 10 गुना उत्पादकता के वादे हवा में हैं, और आँकड़े इस प्रचार का समर्थन करते हैं: स्टैक ओवरफ्लो के अनुसार, 76% डेवलपर अपने विकास प्रक्रिया में एआई का उपयोग करते हैं या करने की योजना बनाते हैं। ये उपकरण हमारे कोड लिखने, डीबग करने और यहाँ तक कि सोचने के तरीके को बदलने का वादा करते हैं। लेकिन क्या यह सब सच है? क्या केवल एक प्रॉम्प्ट लिखने से हम बेहतर डेवलपर बन जाते हैं? या इस चमक-दमक के पीछे कुछ ऐसे सच छिपे हैं जिन्हें जानना बेहद ज़रूरी है? प्रचार के नारों और आदर्श मामलों के अध्ययन से परे, इन शक्तिशाली सहायकों का उपयोग करने की ज़मीनी हकीकत अक्सर आश्चर्यजनक और सहज-ज्ञान के विपरीत होती है। गहन शोध और वास्तविक दुनिया में इन उपकरणों के उपयोग के बाद, हमने पाँच सबसे आश्चर्यजनक, प्रभावशाली और सहज-ज्ञान-विरोधी सबक सीखे हैं। यह लेख उस प्रचार को चीरकर उन सच्चाइयों को उजागर करेगा जिनके बारे में कोई बात नहीं कर रहा है - सच्चाइयाँ जो आपके एआई के साथ कोड कर...