वाइब कोडिंग: AI से कोड लिखवाने के 4 चौंकाने वाले सच AI-असिस्टेड कोडिंग अब कोई भविष्य की कल्पना नहीं, बल्कि एक रोज़मर्रा की हकीकत बन चुकी है। ChatGPT या GitHub Copilot जैसे उपकरणों के साथ, ऐसा लगता है कि कोई भी व्यक्ति बस कुछ शब्द टाइप करके जटिल सॉफ्टवेयर बना सकता है, जिससे रचनात्मकता ही एकमात्र सीमा रह गई है। लेकिन क्या यह वाकई इतना आसान है? "वाइब कोडिंग" नामक इस नई क्रांति के पीछे की हकीकत क्या है? यह लेख सतही धारणाओं को तोड़ता है और उन चार सच्चाइयों को उजागर करता है जो अकादमिक शोध और वास्तविक दुनिया के अनुभवों से सामने आई हैं। आइए, इन चुनौतियों और विरोधाभासों की पड़ताल करें और वाइब कोडिंग के पीछे छिपे चार चौंकाने वाले सच जानें। 1. यह सिर्फ 'प्रॉम्प्टिंग' नहीं है, यह एक नया अनुशासन है अक्सर यह माना जाता है कि वाइब कोडिंग का मतलब AI से आलस्यपूर्वक कोड मांगना है। लेकिन यह धारणा सच्चाई से बहुत दूर है। यह पारंपरिक प्रोग्रामिंग से एक मौलिक बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है, जो सिंटैक्स (code कैसे लिखा जाता है) से हटकर इरादे (code क्या करना चाहिए) पर ध्यान केंद्रित करती है...
अंतरिक्ष में सैंडविच और एक 'न डूबने वाला' यान: नासा के जेमिनी 3 मिशन की 5 अनसुनी कहानियाँ जब हम अंतरिक्ष अन्वेषण के स्वर्ण युग के बारे में सोचते हैं, तो हमारा ध्यान अक्सर अपोलो मिशन और चंद्रमा पर इंसान के पहले कदमों पर जाता है। लेकिन क्या आप उस महत्वपूर्ण "पुल" के बारे में जानते हैं जिसने उस विशाल छलांग को संभव बनाया? प्रोजेक्ट जेमिनी नासा का एक महत्वपूर्ण लेकिन अक्सर अनदेखा किया जाने वाला कार्यक्रम था, जो मर्करी के एकल-व्यक्ति उड़ानों और अपोलो के चंद्र अभियानों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी था। यह पोस्ट जेमिनी कार्यक्रम के पहले मानवयुक्त मिशन, जेमिनी 3, से जुड़े सबसे आश्चर्यजनक और प्रभावशाली तथ्यों को उजागर करने के लिए है, जो अंतरिक्ष अन्वेषण के मानवीय और कभी-कभी हास्यप्रद पक्ष को दर्शाते हैं। -------------------------------------------------------------------------------- 1. एक ऐसा नाम जिसमें हास्य और इतिहास दोनों था: 'द अनसिंकेबल मॉली ब्राउन' अंतरिक्ष यात्री गस ग्रिसम के पास अपने जेमिनी 3 अंतरिक्ष यान का नाम रखने का एक बहुत ही व्यक्तिगत कारण था। उनकी पिछली अ...